वर्ष 1972 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह विभाग बतौर ग्रामीण अभियंत्रण सेवा सृजित किया गया था, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण ग्रामीण विकास मंत्रालय के आधीन था।
इसके लिए एक अलग मंत्रालय, लघु सिंचाई एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, गठित किया गया और अंत में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्रालय का गठन हुआ।
वर्ष 2011 में विभाग का नाम ग्रामीण अभियंत्रण सेवा से बदल कर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग कर दिया गया।
इस विभाग का मुख्य कार्य निर्माण कार्यों को संपादित करना है एवं जिला और खंड स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को, जब कभी भी आवश्यकता हो, तकनीकी दिशा निर्देश प्रदान करना है।